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नहीं भला होता लड़ने से - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
थप्पड़ ने लप्पड़ को मारा, लप्पड़ ने घूँसे को। घूँसा अब क्या करे बेचारा, पीट दिया ठूंसे को। ठूंसेजी को वहीं पास में, मुक्का पड़ा दिखाई। बिना बिचारे उस मुक्के की, कर दी खूब धुनाई। सबको लड़ता देख वहाँ पर, बुलडोज़र सर आये। मार- मार उन्हें भगाया, मौका बिना गंवाए।…