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पैसा नही रचना कोई ईश्वर की - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
---विनय कुमार विनायकखत्म हुआ आदमियतसब कुछ हो गया पैसा,मिला नहीं अवैध पैसाकलतक जो अपना था,अब हो गया ऐसा-वैसा! सभी जानता पैसा अनाफना होनेवाला असासा,पास होने पर अहसासदिलाता है अच्छाई का,आदमी बुरा बिना पैसा! पैसा पाकर जैसा-तैसाआदमी समझने लगताअपने को ऐसा, मानोपैसा ही सबकुछ होता,ईश्वर से उपर है पैसा! पैसों में…