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 रेल  की खिड़की से शहर - दर्शन ...!! - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
तारकेश कुमार ओझा किसी ट्रेन की खिड़की से भला किसी शहर के पल्स को कितना देखा - समझा जा सकता है। क्या किसी शहर के जनजीवन की तासीर को समझने के लिए रेलवे ट्रेन की खिड़की से झांक लेना पर्याप्त हो सकता है। अरसे से मैं इस कश्मकश से गुजर…