काश! आज तुम होती
फिल्म फेस्टिवल का
बेस्ट फिमेल एक्ट्रेस का
राष्टीय पुरष्कार लेती
तेरे बिन मन नही लगता
अपना सा कोई नहीं लगता
सूना सा सारा संसार लगता
चारो तरफ अँधेरा सा लगता
काश!मेरी “चांदनी” होती
ये अँधेरा दिखाई न देता
ये संसार सूना दिखाई न देता
इस अवार्ड के साथ मै होता
तुमको अपनी बाहों में भर लेता
काश! आज बच्चो की माँ होती
जान्हवी की फिल्म रिलीज होने पर
वह अपने बच्चो को आशीर्वाद देती
वह कितनी खुश दिखाई देती
मृत्यु ने तुम्हे क्यों बुलाया ?
मै अभी तक जान न पाया
काश! ऐसा कुछ न होता
मृत्यु से तुमको माँग लेता
कितने अभागे अब हम है
तेरे बिना न मेरे में दम है
कहाँ छिपी हो अब तुम ?
लेने अवार्ड आ जाओ तुम
MOM फिल्म में मिला ये अवार्ड
अच्छी माँ को मिला ये अवार्ड
अगर माँ के रूप में यहाँ होती
कितनी ख़ुशी हम सबको होती
पर विधि को न था ये मंजूर
कर दिया उसने सबको मजबूर
काश! तुम आज यहाँ होती
हमको यह मजबूरी देखनी न होती
“ख़ुशी” कितनी आज खुश होती
अगर आज तुम जिन्दा होती
तुमको गले से लगा लेती
तुम भी उसका चुम्बन लेती
वह केवल एक न अच्छी कलाकार थी
वह एक अच्छी पत्नी ओर माँ भी थी
मेरी जान के अलावा फिल्मो की जान थी
वह रोता-बिलखता हमको छोड़ गयी थी
मै एक छोटा सा मामूली कवि हूँ
तुम्हारा इस अवसर पर स्वागत करता हूँ
मै श्रीदेवी जी का बहुत बड़ा फैन हूँ
उन पर हमेशा लिखता रहता हूँ
आर के रस्तोगी
मो 9971006425
shri Guota ji,Dhanyvad .R. K Rastogi
Ati sunder rachna
आपने अपनी हृदयस्पर्शी कविता में सचमुच स्वर्गीय श्रीदेवी के लिए श्री बोनी कपूर के मन के उदगार प्रस्तुत किये हैं!
कृपया अपनी टिप्पणी नही देने का कष्ट करे
Shri Insaan ji Many many thanks for appreciation. kindly see the mail also written to you.