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सुकून से भरा है जहां - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
रितिका आर्य सुकून से भरा है जहांगांव है मेरा वहांपहाड़ियों से ढ़का हुआहरियाली से है खिला हुआपहाड़ से डटे लोग रहते यहांजड़ी बूटियों की खोज होती यहांपहले से चलते आए जो रीति रिवाजआज भी हैं उनमें प्रकाशनदी झरनों की आती आवाज यहांसमस्त जीव जंतुओं का है निवास यहांसुकून से भरा…