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हिंदी का अलख कैसे जगाएं ? - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
हम अपनी मातृभाषा बोलने में ठीक वैसे ही शर्माते हैं जैसे कि एक मजदूर औरत के खून पसीने कि कमाई से पढ़ लिखकर बाबू बना बेटा अपनी उसी मजदूर माँ को, माँ कहते हुए शर्माता है ।हिंदी उस रानी की तरह है जिसे बाहर के राष्ट्र अपनी पटरानी बनाना चाहते…