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आज नया कुछ लिख ही दूँ - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
कुछ नया करने की चाह में, अपनी ही कविताओं के, अंग्रेज़ी में अनुवाद कर डाले, या उन्हे ही उलट पलट कर, दोहे कुछ बना डाले। जो कल नया था आज पुराना सा लगने लगा है अब..... तो सोचा..... आज कुछ नया ही लिख दूँ। रोज़ होते रहे बलात्कार, उनपर टीका…