कायर, धोखेबाज जने, जने नहीं क्यों बोस !!

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कैसे भूले बोस को, सौरभ हिन्दुस्तान !
कतरा-कतरा खून का, उनका यहाँ कुर्बान !!

बच्चा-बच्चा बोस का, ऐसा हुआ मुरीद !
शामिल होकर फ़ौज में, होने चला शहीद !!

भारत के उस बोस की, गाथा बड़ी महान !
अपनी मिट्टी के लिए, छोड़ा सकल जहान !!

कब दुश्मन से थे झुके, जीए बोस प्रचंड !
नहीं गुलामी को सहा, सहा न कोई दंड !!

भारत उनकी आन था, भारत पहला धर्म !
भारत ही था बोस का, सबसे पहला कर्म !!

एक सभी से बात ये, पूछे आज सुभाष !
सौरभ क्यों है दिख रही, भारत माँ उदास !!

भारत माँ की कोख पर, होता अब अफ़सोस !
कायर, धोखेबाज जने, नहीं जने क्यों बोस !!

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