ए डिफ़रंट टेक : पुस्तक की समीक्षात्मक टिप्पणी - प्रवक्ता.कॉम - Pravakta.Com
विद्वान् सर्वत्र पूज्यते।एक, पुस्तक की समीक्षात्मक टिप्पणी Dr. Madhusudan (१)विद्वान् सर्वत्र पूज्यते।"स्वगृहे पूज्यते मूर्खः, स्वग्रामे पूज्यते प्रभुः। स्वदेशे पूज्यते राजा, विद्वान् सर्वत्र पूज्यते॥"**मूर्ख व्यक्ति का सर्वाधिक ध्यान घर परिवार में रखा जाता है, ग्राम देवता की पूजा सारे गाँव द्वारा (में) सम्पन्न होती है; राजा का सम्मान स्वदेश में किया जाता है;…