एक गजल सच्चाई पर

5
239

कोई टोपी कोई पगड़ी कोई इज्जत अपनी बेच देता है
मिले अच्छी रिश्वत,जज भी आज न्याय बेच देता है

वैश्या फिर भी अच्छी है उसकी हद है अपने कोठे तक
पुलिस वाला तो बीच चौराहे पर अपनी वर्दी बेच देता है

जला दी जाती है,अक्सर बिटिया सुसराल में बेरहमी से
जिस बेटी के खातिर बाप अपनी  जिन्दगी बेच देता है

कोई मासूम लडकी प्यार में कुर्बान है जिस पर
बना कर विडियो उसको तो प्रेमी बेच देता है

जान दे दी वतन पर जिन बेनाम शहीदों ने
एक भ्रष्ट नेता अपने वतन को बेच देता है

इंसान कितना गिर चुका है अंदाजा नहीं लग सकता
इंसान धर्म इमान तो क्या,बच्चो को भी बेच देता है

जाता है मरीज अस्तपताल में अपना इलाज के लिये
पर डाक्टर आपरेशन के बहाने किडनी बेच देता है

क्यों वसूलते है हफ्ता पुलिस वाले बुरा काम करने वालो से
क्योकि प्रशासन अब नेता से मिलकर थाने बेच देता है

आर के रस्तोगी  

Previous article“स्वामी अमरस्वामी के पिता के ऋषि दयानन्द के दर्शन की घटना और कुछ प्रासंगिक बातें”
Next articleसमलैंगिकता पर समय की बर्बादी
आर के रस्तोगी
जन्म हिंडन नदी के किनारे बसे ग्राम सुराना जो कि गाज़ियाबाद जिले में है एक वैश्य परिवार में हुआ | इनकी शुरू की शिक्षा तीसरी कक्षा तक गोंव में हुई | बाद में डैकेती पड़ने के कारण इनका सारा परिवार मेरठ में आ गया वही पर इनकी शिक्षा पूरी हुई |प्रारम्भ से ही श्री रस्तोगी जी पढने लिखने में काफी होशियार ओर होनहार छात्र रहे और काव्य रचना करते रहे |आप डबल पोस्ट ग्रेजुएट (अर्थशास्त्र व कामर्स) में है तथा सी ए आई आई बी भी है जो बैंकिंग क्षेत्र में सबसे उच्चतम डिग्री है | हिंदी में विशेष रूचि रखते है ओर पिछले तीस वर्षो से लिख रहे है | ये व्यंगात्मक शैली में देश की परीस्थितियो पर कभी भी लिखने से नहीं चूकते | ये लन्दन भी रहे और वहाँ पर भी बैंको से सम्बंधित लेख लिखते रहे थे| आप भारतीय स्टेट बैंक से मुख्य प्रबन्धक पद से रिटायर हुए है | बैंक में भी हाउस मैगजीन के सम्पादक रहे और बैंक की बुक ऑफ़ इंस्ट्रक्शन का हिंदी में अनुवाद किया जो एक कठिन कार्य था| संपर्क : 9971006425

5 COMMENTS

  1. बहुत देर कर दी| कांग्रेस राज में प्रस्तुत किया होता तो तब साक्षात सच्चाई के शर्मसार दर्शन हुए होते लेकिन आज तो स्वयं अपने पर लज्जित एक सौ पच्चीस करोड़ भारतीय मिल उस सच्चाई की गज़ल को बदलने में लगे हुए हैं!

    • रूबी जी, “एक गजल सच्चाई पर”आपको बहुत पसद आई इसके लिये आपका बहुत बहुत धन्यवाद|अगर आप अपना ईमेल आई डी दे सके तो आपको और भी इस तरह की गजल प्रेषित कर दूंगा | या अपना व्हाट्स अप नम्बर दे उस पर भी भेज सकता हूँ पर इसमें पहले मेरी वेब साईट पर जान होगा तब आप मेरी गजल पढ़ सकती है |

    • मेरा अनुरोध है कि हिंदी भाषा का रोमन लिप्यंतरण कभी न करें क्योंकि ऐसा करने से भाषा की आत्मा, देवनागरी लिपि को क्षति पहुँचती है| धन्यवाद |

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here