आज के दफ्तरों पर एक कुण्डली

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अफसर करे न अफसरी,बाबू करे न काम | 
चपरासी भी सो रहा,लेकर कुर्सी है थाम ||
लेकर कुर्सी है थाम,अब कैसे काम चलेगा |
रिश्वत देने वाला आये,पूरा ऑफिस दौड़ेगा ||
कह रस्तोगी कविराय,कैसे सुंदर अवसर |
ऊपर से नीचे तक भ्रष्ट है सब अफसर ||

आर के रस्तोगी 
मो 9971006425

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आर के रस्तोगी
जन्म हिंडन नदी के किनारे बसे ग्राम सुराना जो कि गाज़ियाबाद जिले में है एक वैश्य परिवार में हुआ | इनकी शुरू की शिक्षा तीसरी कक्षा तक गोंव में हुई | बाद में डैकेती पड़ने के कारण इनका सारा परिवार मेरठ में आ गया वही पर इनकी शिक्षा पूरी हुई |प्रारम्भ से ही श्री रस्तोगी जी पढने लिखने में काफी होशियार ओर होनहार छात्र रहे और काव्य रचना करते रहे |आप डबल पोस्ट ग्रेजुएट (अर्थशास्त्र व कामर्स) में है तथा सी ए आई आई बी भी है जो बैंकिंग क्षेत्र में सबसे उच्चतम डिग्री है | हिंदी में विशेष रूचि रखते है ओर पिछले तीस वर्षो से लिख रहे है | ये व्यंगात्मक शैली में देश की परीस्थितियो पर कभी भी लिखने से नहीं चूकते | ये लन्दन भी रहे और वहाँ पर भी बैंको से सम्बंधित लेख लिखते रहे थे| आप भारतीय स्टेट बैंक से मुख्य प्रबन्धक पद से रिटायर हुए है | बैंक में भी हाउस मैगजीन के सम्पादक रहे और बैंक की बुक ऑफ़ इंस्ट्रक्शन का हिंदी में अनुवाद किया जो एक कठिन कार्य था| संपर्क : 9971006425

1 COMMENT

  1. you can fix Matraas (meter) very easily, first two lines 13 and 11, rest four lines 11 and 13. ‘लेकर कुर्सी है थाम’ को लिखना चाहिए, ‘ले कुर्सी को थाम’

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