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आज के दफ्तरों पर एक कुण्डली - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
अफसर करे न अफसरी,बाबू करे न काम | चपरासी भी सो रहा,लेकर कुर्सी है थाम ||लेकर कुर्सी है थाम,अब कैसे काम चलेगा |रिश्वत देने वाला आये,पूरा ऑफिस दौड़ेगा ||कह रस्तोगी कविराय,कैसे सुंदर अवसर |ऊपर से नीचे तक भ्रष्ट है सब अफसर ||आर के रस्तोगी मो 9971006425