pravakta.com
जंगलात को आइना दिखाती एक जंगल बुक  - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
अरुण तिवारी जब दिमाग और दुनिया...दोनो का पारा चढ़ रहा हो, खुशियों की हरियाली घट रही हो और मन का रेगिस्तान बढ़ रहा हो तो किसी को आइना भी झूठ लग सकता है। ऐसे वैश्विक माहौल में एक ऐसी भारतीय किताब का आना बेहद अहम् है, जिसे लिखने वाले वे हैं, जिन्होने…