उस बुजुर्ग की एक छोटी सी सीख ने बदल दी मेरी सोच - प्रवक्ता.कॉम - Pravakta.Com
तब मैं 11वीं का छात्र था और हास्टल में रहा करता था। मेरा हास्टल और इंटर कालेज मेरे गांव से 30 से 35 किमी ही दूर था और वह सरकारी था। इसलिए वहां मेश आदि की कोई सुविधा नहीं थी। लिहाजा खाना आदि हम लोग स्वयं बनाते थे और उसके…