ना मानेगा धूर्त पड़ौसी , शांति की वार्ताओं से
अब हल नहीं निकलेगा , सिर्फ कड़ी निंदाओ से
कुलभूषण की फाँसी पर ,क्यों मौन साधना साधे हो
अफजल के चाचाओं ,क्या सिर्फ दुश्मन के प्यादे हो
सुप्रीम कोर्ट की चौखट पर , रतजागा सा कर डाला
एक आतंकी की फांसी पर , रोये थे जो हाल बेहाला
चुप क्यों बैठे है अब,देश में जिनका घुटता था दम
क्यों छाया है सन्नाटा , क्यों चुप है ओवेसी आजम
अवॉर्ड वापसी गैंग भी ,अब चादर तान के सोई है
छोटी छोटी बातों पर तो , खूबही छाछ बिलोई है
पाक नचनियो के पक्ष में ,बॉलीवुड बोला था सारा
साँप सूँघ गया क्या अब ,क्यों बने हुए हो नाकारा
मानव के अधिकारों की,अक्सर जो बाते करते हैं
बरखा रविश कहाँ गए ,क्यों अब कहने से डरते हैं
एक आतंकी मैयत में ,क्या खूब भीड़ का था आलम
विधवा विलाप कुछ रोये थे ,जैसे हो वो इनका बालम
दुश्मन के पिल्लो को तो , खूब खिलाई थी बिरयानी
कहाँ दुबके हैं लोग सियासी,मर गयी क्या इनकी नानी
ये मुद्दा नहीं विपक्ष पक्ष का ,खतरे में जाधव की जान
कुलभूषण सबका अपना है , सवा अरब करते बयान
मोदी जी तुम भी क्यों चुप हो,दुश्मन को ललकारो तुम
साफ़ साफ़ शब्दों में कहते , कुलभूषण को तारो तुम
निंदा विंदा तो पहले भी , बहुतायत में होती आयी है
चालबाज नापाक दुष्ट को,कब बात समझ में आयी है
बेक़सूर हमारा कुलभूषण है , वतन वापसी चाहिए
गृहमंत्री जी पता करो कुछ,हमें खबर आपसे चाहिए
ऐसी क्या है मजबूरी , जो हाथ बाँध के बैठे हो
इस मुद्दे पर क्यों कछुए की ,तरहा पैर समेटे हो
कब लातो के भूत , मानने वाले हैं सिर्फ बातो को
कब भेड़िया समझ सका है ,मानवता जज्बातों को
क्या उदारता का ठेका , सिर्फ हमीं ने ले रख्खा है
आतंकी गढ़ पाकिस्तां को , दुष्टता करते ही देखा है
इंतजार क्यों है मोदी जी , क्या सरबजीत दोहराना है
नापाक गिद्ध के चंगुल से, जाधव के प्राण बचाना है
भूलो मत सरबजीत मामला ,कैसे उसको था मारा
लखपत जेल में ईंटो से ,कुचल दिया था वो बेचारा
आगाज दोस्ती के सपने ,अब लगने लगे ख़याली हैं
जिन्ना के सांप संपोलों की , करतूते सारी काली हैं
सुनो सियासत दिल्ली की ,पैगाम पाक को कहला दो
ऐसी सिंह दहाड़ करो , पिंडी लाहौर कराची दहला दो
गर पाक फैसला न बदले ,इसे कह दो ऐसा झटका देंगे
एक एक पाकिस्तानी कैदी को,हम फाँसी पर लटका देंगे
हेमंत कुमावत ‘हेमू ‘
अटल जी की कविताओं की याद दिलाती है, यह कविता। कवि जी अपनी लेखनी की धार यूँही तेज रखते रहें। कवि को बहुत बहुत बधाई।
धन्यवाद श्रीमान
हेमन्त कुमावत “हेमू ” की कविता – कुलभूषण जाधव की फाँसी पर रचित कविता सत्य तथ्यों पर आधारित ,जोशीली , प्रभावी और सशक्त है। विरोधियों को एक चेतावनी भी है । कवि को साधुवाद !!
तहेदिल से आभार. . ..