राजनीतिक क्षितिज का एक चमकता सितारा अस्त हो गया - प्रवक्ता.कॉम - Pravakta.Com
अशोक बजाज वह दृश्य अभी भी ऑंखो से ओझल नहीं हो पाया है जब 31 अक्टूबर 2000 को घड़ी की सुई ने रात के 12 बजने का संकेत दिया तो चारो तरफ खुशी और उल्लास का वातावरण बन गया। लोग मस्ती में झूमते- नाचते एक दूसरे को बधाइयॉं दे रहे…