संयुक्त राष्ट्र संघ के मंच से पाकिस्तान को कड़ा संदेश


सुरेश हिन्दुस्थानी
आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले पाकिस्तान को एक बार फिर से भारत ने करारा जवाब दिया है। इस जवाब की महत्ता इसलिए और बढ़ जाती है, क्योंकि यह जवाब संयुक्त राष्ट्र मंच से दिया गया। हालांकि इससे पूर्व पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी ने कश्मीर पर पुराना राग अलापते हुए अपना पक्ष रखा। उन्होंने भारत पर मानवाधिकर के उल्लंघन का आरोप लगाया। यहां यह सवाल उठता है कि कश्मीर के नागरिकों के बारे में दूसरे देश को पक्ष लेने का कोई अधिकार ही नहीं है। फिर मानवाधिकार के बारे में बात करना तो किसी भी प्रकार से सही नहीं कहा जा सकता। यह साफ तौर पर पाकिस्तान द्वारा भारत के अंदरुनी मामले में दखल देने की कार्यवाही मानी जा सकती है। भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पाकिस्तान को स्पष्ट शब्दों में कहा कि आज पूरे विश्व में भारत की पहचान बेहतर चिकित्सक और इंजीनियर देने की बनती जा रही है, जबकि पाकिस्तान आतंकियों के निर्यातक देश के रुप में विख्यात होता जा रहा है। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ने कहा कि भारत व पाकिस्तान एक साथ ही स्वतंत्र हुए, लेकिन आज भारत विश्व के महान देशों की तुलना में खड़ा हो रहा है। आज भारत और पाकिस्तान की बात की जाए तो यह सबको दिखाई दे रहा है कि पाकिस्तान भारत के विरोध में अघोषित युद्ध जैसा वातावरण बना रहा है। पाकिस्तान में आतंकवाद को बढ़ावा देने वाली शक्तियों का संरक्षण किया जा रहा है। वास्तव में वर्तमान में पाकिस्तान विनाश, मौत और निर्दयता का परिचय दिया है, ऐसे देश के मुंह से मानवता की बातें निकलना कॉमेडी जैसा ही लगता है। आतंकवाद के बारे में पाकिस्तान शुरु से ही झूठा सिद्ध हो रहा है। चाहे वह संयुक्त राष्ट्र संघ का मंच हो या फिर अन्य कोई अंतरराष्ट्रीय मंच। हर जगह भारत ने मुंह तोड़ जवाब दिया है, लेकिन पाकिस्तान आज भी अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। वह हर बार की तरह कश्मीर मुद्दे के बारे में भारत पर आरोप लगाता रहा है। आज सारी दुनिया इस सत्य को जान चुकी है कि पाकिस्तान एक आतंकी देश है। अमेरिका ने पाकिस्तान में रह रहे आतंकवादियों को प्रतिबंधित सूची में डालकर यह संकेत भी दिया है, इसके बाद भी पाकिस्तान किसी भी तरीके से सुधरने की तरफ कदम नहीं बढ़ा रहा। वह केवल अपने पक्ष को ही प्रबलतम तरीके सिद्ध करने का प्रयास कर रहा है। यह बात सही है कि आज केवल भारत ही नहीं बल्कि अफगानिस्तान और बंग्लादेश जैसे मुस्लिम देश भी पाकिस्तान को आतंकवादी देश बता रहे हैं, लेकिन चीन केवल इसलिए समर्थन कर रहा है, क्योंकि वह पाकिस्तान का उपयोग भारत के विरोध में करने की मानसिकता रखता है। वर्तमान में यह सभी मान चुके हैं कि कश्मीर भारत और पाकिस्तान के बीच का द्विपक्षीय मामला है, जिसे दोनों देश ही मिलकर सुलझाने का प्रयास करें। इसके विपरीत सत्यता यह भी है कि कश्मीर केवल भारत का अंदरुनी मसला है, जिस पर किसी भी देश को बात करने का अधिकार नहीं है। आज कश्मीर को विवादित बनाने का काम पाकिस्तान ने ही किया है, जबकि कश्मीर केवल भारत का अभिन्न अंग है और स्वाभाविक अंग भी है। क्योंकि स्वतंत्रता के बाद ही पाकिस्तान ने कश्मीर के कुछ भाग पर पर पाकिस्तान ने अतिक्रमण किया है, जो पूरी तरह से गैर कानूनी है। वर्तमान में पाकिस्तान को आतंकवादी देश कहने में कोई अतिशयोक्ति नहीं होना चाहिए, क्योंकि आज पाकिस्तान की सरकार और आतंकी संगठन एक दूसरे के पूरक ही दिखाई देते हैं। पाकिस्तान को सबसे पहले अपने देश में पनप रहे आतंकियों के अड्डे बंद करने का साहस दिखाए, तभी यह माना जा सकता है कि पाकिस्तान शांति चाहता है, बरना कहीं ऐसा न हो कि आग से आग बुझाने के प्रयास में कहीं पूरा पाकिस्तान ही जल जाए। बहरहाल, संयुक्त राष्ट्र के मंच से भारत ने पाकिस्तान को कड़ा संदेश दे दिया है, अब पाकिस्तान को अपने भविष्य के बारे में चिन्ता करना चाहिए।

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