जानी-मानी लेखिका और सामाजिक कार्यकर्ता अरुंधति रॉय ने कहा है कि कश्मीर कभी भी भारत का अभिन्न अंग नहीं रहा है.
पिछले दिनों कश्मीर के भारत में विलय पर सवाल उठाकर विवाद खड़ा करने वाली अरुंधति रॉय ने श्रीनगर में एक सेमिनार के दौरान ये बातें कहीं.
गुरुवार को ही दिल्ली में कश्मीर पर हुए उस सेमिनार में भी अरुंधति मौजूद थीं, जिसको लेकर काफ़ी बवाल मचा था.
कश्मीरी अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी पर देशद्रोह का मुक़दमा चलाने की मांग उठी थी.
लेकिन रविवार को एक बार फिर अरुंधति रॉय ने सेमिनार में कश्मीर के भारत का अभिन्न अंग होने पर ही सवाल उठा दिया.
कश्मीर कभी भी भारत का अभिन्न अंग नहीं रहा है. यह ऐतिहासिक तथ्य है. भारत सरकार ने भी इसे स्वीकार किया है
श्रीनगर में आयोजित इस सेमिनार का विषय था- मुरझाया कश्मीर: आज़ादी या दासता. इस सेमिनार का आयोजन किया था ‘कोअलिशन ऑफ़ सिविल सोसाइटीज़’ ने.
इस सेमिनार में अरुंधति रॉय ने कहा, “कश्मीर कभी भी भारत का अभिन्न अंग नहीं रहा है. यह ऐतिहासिक तथ्य है. भारत सरकार ने भी इसे स्वीकार किया है.”
उन्होंने आरोप लगाया कि ब्रितानी शासन से आज़ादी के बाद भारत ख़ुद औपनिवेशिक शक्ति बन गया.(बीबीसी से साभार)
स्वतंत्रता का मतलब यह नहीं है की कोई अपने घर में ही आग लगाने का काम करे .
अरुंघती अपनी हैसियत भूल कर बयानबाजी कर रही हैं . देश को इस तरह के अलगावादियों से
सख्ती से पेश आने की जरुरत है . रहा इतिहास का सवाल तो अखंड भारत की सीमाएं बहुत दूर तक जाती हैं . और कश्मीर का इतिहास वहा की माटी, संस्कृति व कश्मीरी पन्डितो के बिना जाना जा सकता है क्या ?
मैं अनिल जी के उक्त विचार पर अपनी सहमती व्यक्त करता हूँ की ” इनके राजद्रोह अवम राजद्रोहात्मक बातें पर ध्यान न दिया जाए”
अन्यथा व्यर्थ ही बातें लम्बी खीच जाएँगी और “तिल का तार” वाली कहावत चरितार्थ हो जाएगी.
कश्मीर पर अलगाव की विचारधारा के विरोध में हमारा उत्तर कई गुना शक्तिशाली होना होगा . यह एक युद्ध है जिसमें विपक्षी शक्तिशाली एवं सतत प्रयत्नशील है . राष्ट्रीय एकता के प्रति सजग रहने वालों को मोर्चे खोलने होंगे . सरकार शिथिल एवं दिशाहीन है . कई बार ऐसा प्रतीत होता है कि केंद्रीय सत्तासीन दल गलत विचारधारा पर चल रहा है – एक ऐसी विचारधारा जो देश को विखंडित करने की तरफ अग्रसर है . शक्तियां साझी करनी होंगी . जल्दी ही …
Arundhati Roy Speaking At LTG Auditorium New Delhi. AZADI THE ONLY WAY
एक वीडियो : कश्मीर भारत का अभिन्न अंग नहीं – अरुंधति रॉय
Legal opinion obtained by Union Home Ministry / Delhi Police is stated to be that a case of sedition is made against Gilani and Arundhati Roy. The matter is under consideration of Union Home Ministry whether to charge them to disturb the tranquility of the State
एक मत यह भी है कि इनका राजद्रोह अवम राजद्रोहात्मक बातें पर ध्यान न दिया जाए. कुत्ते भोंकते रहें.
– अनिल सहगल –