pravakta.com
आरम्भ में ब्रह्म एक था - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
---विनय कुमार विनायकआरंभ में ब्रह्म एक था,‘एको ब्रह्म दूजा नास्ति'ब्रह्म द्विजाकर हो बनापुरुष-प्रकृति और सृष्टि! आरंभ में वेद तीन थाऋक्,साम, और यजुर्वेदबाद में चौथा अथर्ववेद;सभी वेदों का समाहार! मानवीय आचार-विचार,जन्म, विवाह, अंत्येष्टिऔषधि, चिकित्सा,जादू,मातृभूमि प्रेम,ब्रह्मज्ञानअथर्ववेद से मिला हमें! आरंभ में ब्रह्म एक था,बाद में त्रिदेव बन गयाब्रह्मा विष्णु और शिव,फिर तैंतीस…