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आतंकी की मौत पर गद्दारों का मरसीहा - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
प्रवीण दुबे कैसी विडंबना है एक आतंकवादी की मौत पर उलेमाओं द्वारा मरसीहा पढ़ा जा रहा है, छाती पीट-पीटकर मानवतावाद की दुहाई दी जा रही है। जो लोग ऐसा कर रहे हैं शायद उन्हें यह नहीं मालूम कि मुल्क से गद्दारी और दोगलेपन पर अल्ला ताला भी उन्हें माफ नहीं…