pravakta.com
आया बसन्त - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
एक बरस बाद है लौटा विदेश से ।। अतिशय समृद्धि ले बेटा बसन्त ये । धरती माँ हुलसा रही , हृदय से लगा रही ।। * सूरज ने जग चमकाया , कोकिल ने गान सुनाया। फूलों ने घर सजाया , उत्सव सा लग रहा ।। * ख़ुशियों में खोई सी…