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कुछ व्यंग्य पर बिल्कुल सच - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
बाप के कपड़े उतर गए,बेटी को कपड़े पहनाने में।बेटी के कपड़े उतर गए,फॉलोअर्स को बढ़ाने में।। बाप बेचारा थक गया,रोटी दाल कमाने में।बेटा अभी थका नही,मस्ती मौज मनाने में।। बाप गर्मी में जलता है,मां चूल्हे में जलती है।तब कही मुश्किल सेघर की रोटी चलती है।। बाप तन ना ढक पाया,बेचारा…