भ्रष्टाचार के खिलाफ एबीवीपी का शंखनाद

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी मुहिम को तेज करते हुए एक यूथ फोरम की घोषणा की है. नई दिल्ली में एबीवीपी द्वारा आयोजित एक राष्ट्रीय सम्मेलन में ‘यूथ अगेंस्ट करप्शन’ नाम के इस मंच की घोषणा की गई. ये मंच पूरे देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान छेड़ने और जनजागरण का काम करेगा.

यूथ अगेंस्ट करप्शन भ्रष्टाचार को नियंत्रित करने के लिए समाधान की दिशा में कोशिश करेगा और जनादेश तैयार करने के लिए देश भर में अलग-अलग प्रकार के कार्यक्रम, धरना, प्रदर्शन, सेमिनार और संगोष्ठी आयोजित करेगा.

विदेश में स्थित बैंकों से भारतीय धन वापस लाने हेतु नए कानून बनाने की पहल भी ये मंच कर रहा है. आज हुए राष्ट्रीय सम्मेलन में एक ड्राफ्ट बिल भी प्रस्तावित किया गया. इसे देश की सबसे बड़ी पंचायत में पेश करने के लिए केंद्र सरकार पर दबाव बनाया जाएगा.

इस फोरम की राष्ट्रीय टीम और प्रांतीय संयोजकों की घोषणा एबीवीपी के राष्ट्रीय महामंत्री उमेश दत्त ने आज की. फोरम के राष्ट्रीय संयोजक सुनील बंसल (दिल्ली) तथा सह-संयोजक के रूप में विष्णुदत्त शर्मा (भोपाल), डॉ. रश्मि सिंह (दिल्ली), एन रविकुमार (बेंगलुरु) को बनाया गया है. इस पहल को समाज के विभिन्न प्रबुद्धजनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं का समर्थन प्राप्त है. केंद्रीय टीम में अशोक भगत (रांची) और के जे अलफांस (केरल) मार्गदर्शक के रूप में रहेंगे तथा अन्य सदस्यों में आनंद कुमार (पटना), आर. सुब्रमनियम (बेंगलुरु), गोपाल अग्रवाल (दिल्ली), विनीत चौहान (राजस्थान) शामिल है.

एबीवीपी 15 से 30 मई के बीच प्रांत और जिला केंद्रों पर भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रदर्शन और अन्य प्रकार की गतिविधियां आयोजित करेगी.

इस अभियान से विचारकों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और संगठनों को जोड़ने की भी तैयारी है.

गुरूवार को आयोजित सम्मेलन में अशोक भगत, आर बालसुब्रमनियम, के जे अल्फांस, विनीत चौहान ने सहभागिता की.

अशोक भगत ने आपातकाल आंदोलन में हिस्सा लिया और आजकल झारखंड के जनजातीय क्षेत्रों में काम कर रहे हैं. आर बालसुब्रमनियम कर्नाटक में आरटीआई कार्यकर्ता हैं जो विवेकानंद यूथ मूवमेंट नाम के संगठन के माध्यम से समाज के पिछड़े वर्ग के लिए काम कर रहे हैं.

के जे अल्फांस 1992-2000 तक डीडीए के कमिश्नर रह रहे जिसके तहत उह्नोंने 15000 से अधिक अवैध इमारतें गिराईं. 2006 में आईएएस सेवा छोड़ी और सामाजिक-राजनीतिक गतिविधियों में सक्रिय हुए.

राजस्थान से नाता रखने वाले राष्ट्रवादी कवि विनीत चौहान ने अपनी कविताओं से भ्रष्टाचार के विरुद्ध खड़ा होने के लिए युवा शक्ति का आवाहन किया.

कार्यक्रम में मंच की भूमिका एबीवीपी के राष्ट्रीय संगठन मंत्री सुनील आम्बेकर ने रखी जबकि भ्रष्ट कुलपतियों की सूची एबीवीपी के पूर्व राष्ट्रीय महामंत्री विष्णु दत्त शर्मा ने जारी की.

यूथ अंगेस्ट करप्शन और एबीवीपी द्वारा भविष्य के कार्यक्रमों की योजना एबीवीपी के राष्ट्रीय सहसंगठन मंत्री सुनील बंसल ने रखी.

इस मौके पर सह संयोजक डॉ. रश्मि सिंह ने युवाओं से इस मुहिम में भारी से भारी संख्या में जुड़ने का आवाहन किया.

दिन भर के इस सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में भारतीय नीति प्रतिष्ठान के निदेशक राकेश सिन्हा ने भ्रष्टाचार के सामाजिक-आर्थिक पहलू की विस्तार से चर्चा की. राष्ट्रीय संगठन मंत्री सुनील आम्बेकर ने आंदोलन की भूमिका पर प्रकाश डाला जबकि सह संगठन मंत्री सुनील बंसल ने सम्मलेन में भ्रष्टाचार की समस्या और उसके समाधान पर देश भर से आए प्रतिनिधियों से चर्चा की.

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एबीवीपी ने जारी की भ्रष्ट कुलपतियों की लिस्ट

नई दिल्ली में एबीवीपी ने भ्रष्टाचार के खिलाफ आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन में आज देश के भ्रष्ट कुलपतियों की एक सूची जारी की है. इस सूची में कुल 25 भ्रष्ट कुलपति शामिल है. भविष्य में भी परिषद की तरफ से ऐसी सूची जारी की जाएगी. उच्चशिक्षा में व्याप्त भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए ये एबीवीपी की अनूठी पहल है.

सूची में दिए गए 25 कुलपतियों द्वारा की गई अनियमितताओं संबंधी सारी जानकारी एबीवीपी के पास मौजूद है.

इस सूची में मध्य प्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय के वीसी कमलाकर सिंह का नाम सबसे ऊपर है जिनके ऊपर भारतीय दंड संहिता के तहत तमाम मुकदमे दर्ज किए गए हैं. एबीवीपी का कहना है कि स्वयं कुलपति की नियुक्ति में गड़बड़ी की गई थी. उनकी नियुक्ति के समय ही विरोध किया गया था लेकिन कमलाकर सिंह को कुलपति बनाया गया. बाद में एबीवीपी के पूर्व राष्ट्रीय महामंत्री विष्णुदत्त शर्मा की याचिका पर उच्च न्यायालय ने उनकी नियुक्ति को खारिज कर दिया. उनकी एलएलबी की डिग्री भी फर्जी पाई गई है.

मगध विश्वविद्यालय के कुलपति अरविंद कुमार का मामला भी ध्यान देने योग्य है. पटना उच्च न्यायालय ने उनकी नियुक्ति को अवैध घोषित कर रखा है हालांकि अरविंद कुमार अभी फरार हैं.

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परिवर्तन का इतिहास बनाएगा ‘यूथ अंगेस्ट करप्शन’ – सुनील आम्बेकर

एबीवीपी के राष्ट्रीय संगठन मंत्री सुनील आम्बेकर ने कहा है कि भ्रष्टाचार में संलग्न लोगों को कड़ी सजा होना जरूरी है लेकिन देश में प्रशासन, पुलिस तथा न्यायालय जैसी कई व्यवस्थाओं में होने वाली देरी से सामान्य व्यक्ति को भ्रष्टाचार का सामना करना पड़ता है. सुनील आम्बेकर एबीवीपी द्वारा भ्रष्टाचार के खिलाफ नई दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन में बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि ऐसी व्यवस्थाओं में कानूनी बदलाव की जरूरत है.

इस सम्मेलन के दौरान ही एबीवीपी ने भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी मुहिम को तेज करते हुए यूथ अगेंस्ट करप्शन नामक एक नए फोरम की घोषणा भी की. ये फोरम भ्रष्टाचार के खिलाफ जनमत खड़ा करने का काम करेगा.

सम्मेलन में देश भर से आए प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए सुनील आम्बेकर ने कहा कि सामाजिक कल्याण और विकास की कई योजनाओं के आर्थिक व्यवहार एवं परिणामों की कठोर समीक्षा करते हुए उसमें व्याप्त भ्रष्टाचार को प्राथमिकता से दूर करने की जरूरत है. यूथ अंगेस्ट करप्शन नाम का ये आंदोलन परिवर्तन का इतिहास बनाएगा.

इस मौके पर एबीवीपी ने भ्रष्टाचार के खिलाफ चलाए जाने वाले आंदोलन का एजेंडा भी सार्वजनिक किया. 13 सूत्रीय इस एजेंडे में विदेश से काले धन की वापसी, भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़े कानून की बात को प्रमुखता से रखा है. साथ ही चुनाव सुधार, विकेंद्रीकरण और ई-गवर्नेंस की वकालत भी एबीवीपी के इस एजेंडे में प्रमुखता से रखी गई हैं.

3 COMMENTS

  1. डाक्टर साहब भाजपा और विद्यार्थी परिषद् में बहुत अंतर है।

  2. वह तो सब ठीक है पर भाजपा के साथ रह कर यह अभियान यशस्वी कैसे होगा ? भाजपा तो वर्तमान से समझौता नहीं कर चुकी ? कोई क्यूँ कर भरोसा करें की भाजपा या विद्यार्थीपरिषद भ्रष्टाचार की धारा के विपरीत अब तैरेंगे ? गत वर्षों के व्यवहार से तो कथनी-करनी में कोई समानता नहीं दीखती. फिर कोई विश्वास क्यूँ करने लगा ? बहुत लोग चाहते हैं की भाजपा की शक्ल बदले पर निराशा ही हाथ लगती रही. अब तो लोगों का मोह भंग हो गया लगता है. विद्यार्थीपरिषद की पहचान भी तो अब भाजपा से अलग नहीं रही. फिर भी जब भी जागो तभी सवेरा. अब भी परिषद् अपनी छवि सुधारने का प्रयास करे तो बुराई नहीं. पर दृढ़ता व इमानदारी से करे तब शायद कुछ बात बने. अन्यथा समय किसी की प्रतीक्षा नहीं करता, किसी के लिए नहीं ठहरता. कोई और इन दोनों का स्थान ले लेगा, कई विकल्प खड़े हो रहे हैं. भारत माता बाँझ तो है नहीं, नवीन पर्व के लिए नवीन प्राण चाहिए !

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