पाकिस्तान के प्रसिद्ध गायक अदनान सामी ने भारतीय नागरिकता ग्रहण करके भारत-पाक संबंधों के कई नए आयाम खोल दिए हैं। उनका जन्म पाकिस्तान में 15 अगस्त 1969 को हुआ था। उन्होंने अपने गायन से अंतरराष्ट्रीय ख्याति अर्जित की थी। भारत की नागरिकता ग्रहण करने का असली कारण क्या है, यह सामी ने नहीं बताया है लेकिन नागरिकता के कागजात लेते समय उन्होंने जो बातें कही हैं, उनसे पता चलता है कि भारत और पाकिस्तान के लोगों में वैसा बैर-भाव आपस में नहीं है, जैसा कि उनकी सरकारों और नेताओं के बीच है या अक्सर हो जाता है।
उन्होंने पत्रकारों के एक प्रश्न के जवाब में कहा कि जैसी बिरयानी पाकिस्तान में मिलती है, वैसी ही भारत में भी मिलती है। मुझे तो यहां और वहां में कोई फर्क मालूम नहीं पड़ता। जो बात सामी ने कही, वह बात करोड़ों लोग दोनों देशों में महसूस करते हैं। खासकर सामी-जैसे लोग, जो आजादी के बाद पैदा हुए हैं। सामी ने कहा है कि मैंने संविधान और देश के प्रति वफादारी की जो शपथ ली है, उसे मैं पूरी तरह से निभाउंगा। सामी की भारतीय नागरिकता से पाकिस्तान को झटका जरुर लगेगा लेकिन उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ एक शब्द भी नहीं बोला है।
जिस सात्विक भाव से अदनान सामी ने भारतीय नागरिकता ग्रहण की है, उसने उन्हें अदनान सामी से कलान सामी बना दिया है। फारसी में अदनान का अर्थ ‘छोटा’ होता है और कलान का अर्थ ‘बड़ा’ होता है। इस घटना से सामी को ही बड़ा नहीं बनाया है बल्कि पूरे दक्षिण एशिया के दरवाजे खोल दिए हैं। वह दिन देखने के लिए ये आंखें तरस रही हैं, जब हमारे सभी पड़ौसी देशों के संबंध ऐसे हो जाएं कि यदि कोई भी व्यक्ति किसी का भी नागरिक बन जाए तो कोई फर्क नहीं पड़े। यदि हम एक महासंघ खड़ा कर सकें तो सभी लोग सभी देशों के नागरिक बन जाएंगे।
अदनान सामी ने असहिष्णुता या असहनशीलता पर कुछ फिल्मी कलाकारों का न समर्थन किया और न ही विरोध लेकिन उन्होंने साफ-साफ कहा कि उन्हें तो भारत बहुत उदार लगता है। यदि भारत उदार नहीं होता तो वे इसके नागरिक क्यों बनते? अब वे भारतीय नागरिक बनकर सवा अरब भारतीयों का प्रेम अर्जित करेंगे और अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे। मुझे विश्वास है कि अदनान सामी की भारतीय नागरिकता को लेकर दोनों देशों के बीच कोई अप्रिय विवाद नहीं छिड़ेगा।