आख़िर कब थमेगी महिलाओं के विरुद्ध सियासतदानों की बदजुबानी? - प्रवक्ता.कॉम - Pravakta.Com
मध्यप्रदेश उपचुनाव की तपिश जैसे-जैसे बढ़ रहीं है। सियासत के रणबाकुरों की भाषा उससे भी तेज़ गति से बिगड़नी शुरू हो चुकी है। चुनाव जीतने की फितरत में सियासतदां किसी पर निजी लांछन लगाने से भी बाज नहीं आ रहें हैं। येन-केन प्रकारेण सत्ता का सुख मिलना चाहिए, फ़िर…