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हम आह भी भरते हैं तो हो जाते हैं बदनाम, वो क़त्ल भी करते हैं तो चर्चा नहीं होती - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
एक अटपटा सवाल आपसे पूछता हूँ, क्या आप ऐसा विमर्श पसंद करेंगे जिसमें मुद्दा यह हो कि बलात्कार होना चाहिए या नहीं? या बहस का विषय यह होगा कि बलात्कारियों की सजा मृत्युदंड हो या आजीवन कारावास? निश्चय ही आपका विकल्प दूसरा होगा। परंतु राष्ट्रीय कहे जाने वाले मीडिया विशेष…