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अतीत के सभी विद्वानों व राज्याधिकारियों के आलस्य-प्रमाद युक्त कार्यों की कीमत भावी पीढ़ियों को चुकानी पड़ती है - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
-मनमोहन कुमार आर्य मनुष्यों के दो भेद प्रायः देखने को मिलते हैं। एक विद्वान बुद्धिजीवी वर्ग होता है और दूसरा शासित सामान्य अल्प शिक्षित वर्ग। विद्वान बुद्धिजीवी देश के शिखरस्थ राजनीतिक पदों पर आसीन होकर निर्णय लेते, नीतियां व योजनायें बनाते हैं। उनके निर्णयों एवं कार्यों का प्रभाव देश…