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सभी मनुष्य ईश्वर, ऋषियों, वेदमाता, माता-पिता, आचार्यों, प्रकृति, गोमाता, स्वदेश के ऋणी हैं - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
नमोहन कुमार आर्य सभी मनुष्य संसार के रचयिता ईश्वर व अपने माता-पिता के सबसे अधिक ऋणी हैं। इसके साथ ही वह भूमि माता, गोमाता, ऋषि व आचार्यों आदि के भी ऋणी हैं। जो मनुष्य अपने ऋणों को भली प्रकार जानता है वह धन्य होता है। जो अपने ऋणों को…