समाजवादी पार्टी के महासचिव अमर सिंह क्लिंटन फाउंडेशन को कथित 43 करोड़ रुपये (86 लाख डॉलर) का दान देने के मामले में कानूनी मुसीबत में उलझ सकते हैं।भारतीय रिजर्व बैंक ने अमर सिंह के कथित दान के मामले में देश के वित्तीय कानूनों के उल्लंघन की जांच की सलाह दी है। क्योंकि इस संबंध में सिंह ने रिजर्व बैंक से मंजूरी नहीं मांगी थी। रिजर्व बैंक ने इस बाबत प्रवर्तन निदेशालय को जांच की सलाह दी है। हालांकि, दान के संबंध में किसी जानकारी से इंकार किया है।
रिजर्व बैंक का सुझाव सर्वोच्च न्यायालय के वकील विश्वनाथ चतुर्वेदी की निर्वाचन आयोग को की गई शिकायत के जवाब के संदर्भ में आया है। हालांकि, अमर सिंह ने न तो धन देने की बात स्वीकार किया है और न ही इससे इंकार किया है।
शिकायतकर्ता ने निर्वाचन आयोग से आग्रह किया कि राज्यसभा चुनाव 2008 में नामांकन के समय अपनी संपत्ति की घोषणा में इस दान को शामिल नहीं करने के कारण अमर सिंह को अयोग्य घोषित कर दिया जाए।
उन्होंने संदेह व्यक्त किया कि यह रकम हवाला के माध्यम से अवैध रूप से देश से बाहर ले जाई गई होगी। शिकायत की एक प्रति चतुर्वेदी ने रिजर्व बैंक को भी भेजी थी।
बैंक ने चतुर्वेदी को भेजे जवाब में कहा कि उसके रिकार्ड में दान की कोई अनुमति नहीं दी गई। हवाला के संबंध में आपको प्रवर्तन निदेशालय में शिकायत दर्ज करानी चाहिए।
चतुर्वेदी ने क्लिंटन फाउंडेशन की वेबसाइट पर उपलब्ध दानदाताओं की सूची के आधार पर निर्वाचन आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने कहा कि अमर सिंह ने अपने शपथ पत्र में 37 करोड़ रुपये की संपत्ति का खुलासा किया है। इसके बाद भी वे कैसे इतनी बड़ी रकम दान में दे सकते हैं।