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उत्सवधर्मी संस्कृति के गुमनाम चितेरे - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
दम तोड़ने लगी हैं जनजातीय चित्रकलाएं हिमकर श्याम लोक कला युगान्तर से चली आ रही परंपरा है। लोक कला का मानव जीवन के इतिहास से अत्यंत घनिष्‍ट संबंध है जो सभ्यता के साथ प्रारंभ हुईं और उसके साथ ही चलती चली आ रही है। लोक कलाओं का विकास समाज के…