अंतर्राष्ट्रीय महिला क्रिकेट की नई सनसनी शेफाली

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शेफाली की विस्फोटक बल्लेबाजी से छूटते हैं गेंदबाजों के पसीने

योगेश कुमार गोयल

            पिछले कुछ मैचों में अपने विस्फोटक प्रदर्शन के चलते हरियाणा के रोहतक शहर की रहने वाली शेफाली वर्मा अंतर्राष्ट्रीय महिला क्रिकेट की नई सनसनी बनकर उभरी है। 15 वर्षीया शेफाली ने पिछले दिनों वेस्टइंडीज के खिलाफ खेली जा रही टी-20 सीरीज में 24 घंटे के भीतर दो धमाकेदार अर्धशतक ठोंककर न केवल अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में अर्धशतक जड़ने वाली भारत की सबसे युवा खिलाड़ी बनने का गौरव हासिल किया बल्कि अपने ही आदर्श सचिन तेंदुलकर का 30 साल पुराना रिकॉर्ड तोेड़ते हुए अपने बुलंद इरादों का परिचय भी दे दिया। वह जिस तरह की बल्लेबाजी कर रही है, उसे देखते हुए कहा जाने लगा है कि वह आने वाले दिनों में भारतीय महिला क्रिकेट टीम की अगली सुपरस्टार होगी। शेफाली के साथ एक मैच में साझेदारी कर चुकी विश्व की दिग्गज खिलाड़ी डेनियल वायट ने शेफाली के संबंध में कुछ माह पहले ही कहा था कि संभवतः एक साल में वह भारत की अगली सुपरस्टार बनने जा रही है। डेनियल वायट का कहना था कि शेफाली की बल्लेबाजी को देखकर लगता ही नहीं कि वह इतनी युवा है लेकिन कोच ने बताया कि वह केवल 15 साल की है।

            अगर बात की जाए शेफाली द्वारा सचिन का 30 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़े जाने की तो सचिन तेंदुलकर ने अपना पहला टेस्ट अर्धशतक 16 साल और 214 दिन की उम्र में बनाया था जबकि शेफाली यह उपलब्धि केवल 15 साल और 285 दिन की आयु में ही हासिल करने में सफल रही। शेफाली ने करीब पांच साल पहले क्रिकेटर बनने की भी तभी ठानी थी, जब उसने रोहतक के लाहली में रणजी मैच खेलने आए क्रिकेट के भगवान माने जाते रहे सचिन तेंदुलकर को देखा था और उसने अब उन्हीं सचिन का 30 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़कर अपने शानदार प्रदर्शन की बदौलत अंतर्राष्ट्रीय महिला क्रिकेट में तहलका मचा दिया है। घटना वर्ष 2013 की है, जब सचिन तेंदुलकर हरियाणा के लाहली गांव में अपना आखिरी रणजी ट्रॉफी मैच खेलने आए थे। शेफाली अपने पिता के साथ वह मैच देखने स्टेडियम गई थी। मैच खेलते वक्त सचिन के विस्फोटक प्रदर्शन से वह इतनी प्रभावित हुई कि उसने तभी एक प्रोफैशनल क्रिकेटर बनने की ठान ली थी।

            सचिन को देखने के बाद इन पांच वर्षों की उसकी कड़ी मेहनत और क्रिकेट के प्रति उसके समर्पण का ही परिणाम है कि आज वह भारतीय महिला क्रिकेट टीम की सलामी बल्लेबाज बन गई है। उसकी आक्रामक बल्लेबाजी से अब मैदान पर विरोधी टीम के अच्छे-अच्छे गेंदबाजों के भी पसीने छूटते हैं। शेफाली ने 10 नवम्बर को वेस्टइंडीज के खिलाफ खेले गए पहले टी-20 मुकाबले में 49 गेंदों पर 73 रनों की शानदार पारी खेलते हुए अर्धशतक जड़कर इतिहास रचा था। अपनी उस विस्फोटक पारी के दौरान शेफाली ने छह चौके और चार छक्के लगाए और भारत ने वेस्टइंडीज पर 84 रनों से बड़ी जीत दर्ज की। यह उसके कैरियर का पांचवां टी-20 मैच था और यह अर्धशतक लगाने के साथ ही वह क्रिकेट के किसी भी प्रारूप में सबसे कम आयु में अर्धशतक लगाने वाली पहली भारतीय बल्लेबाज बन गई। 11 नवम्बर को वेस्टइंडीज के खिलाफ खेले गए दूसरे मुकाबले में भी उसने 35 गेंदों पर 69 रनों की नाबाद पारी खेलकर अपनी टीम को जीत दिलाई। उस पारी में शेफाली ने दस चौके और दो छक्के लगाए थे। 18 नवम्बर को खेला गया चौथा मुकाबला बारिश से प्रभावित हुआ, जिसे नौ ओवरों तक ही सीमित करना पड़ा और भारत ने इन नौ ओवरों में सात विकेट खोकर 50 रन बनाते हुए विंडीज की टीम को 45 रनों पर ही समेट दिया। उस छोटे से मुकाबले में भी शेफाली का 7 रनों का योगदान रहा।

            शेफाली ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहले टी-20 मुकाबले में भारतीय टीम में पदार्पण किया था लेकिन अपने डेब्यू मैच में वह सिर्फ 4 गेंद ही खेल पाई थी लेकिन अगले मैच में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ उसने 33 गेंदों पर 46 रन बनाए। पिछले ही महीने सूरत में अपने कैरियर के दूसरे टी-20 मैच में उसने यह शानदार प्रदर्शन किया था और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टी-20 मुकाबले में अपनी इसी जबरदस्त बल्लेबाजी से वह सभी का ध्यान अपनी ओर खींचने में सफल रही थी। वह भारतीय टीम में डेब्यू करने वाली दूसरी सबसे कम उम्र की खिलाड़ी है। उसने आठ वर्ष की आयु में हरियाणा क्रिकेट एसोसिएशन द्वारा रोहतक में चलाए जा रहे रामनारायण क्रिकेट क्लब से क्रिकेट खेलने की शुरूआत की थी। वह घरेलू क्रिकेट में खेलते हुए वर्ष 2018-19 में अंडर-19 के 50-50 ओवर के मैचों में 70 से भी कम गेंदों में तीन शतक, अंडर-23 में खेलते हुए 50-50 ओवर के मैचों में तीन शतक तथा नागालैंड के खिलाफ सीनियर टी-20 मुकाबले में खेलते हुए 56 गेंदों में 128 रनों की शानदार पारी खेलकर अपनी प्रतिभा का परिचय पहले ही दे चुकी है। शेफाली ने बेंगलुरू स्थित नेशनल क्रिकेट एकेडमी में नेशनल कैंप में भी बेहतर प्रदर्शन किया था और उसी के आधार पर दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पांच टी-20 मैचों के लिए भारतीय महिला टी-20 टीम में उसका चयन हुआ था।

            हालांकि शेफाली ने जब क्रिकेट खेलना शुरू किया था, उस दौरान उसे बहुत सारी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। सबसे बड़ी दुविधा तो यही थी कि रोहतक शहर में उस समय लड़कियों के लिए कोई क्रिकेट एकेडमी नहीं थी और सभी क्रिकेट एकेडमियों ने एक लड़की होने के कारण उसे अपने यहां दाखिला देने से इन्कार कर दिया था। इस वजह से शेफाली ने अपने बाल कटवा लिए और एक लड़के के रूप में क्रिकेट की ट्रेनिंग लेनी शुरू की। हालांकि जब वह लड़कों के साथ क्रिकेट की प्रैक्टिस करती थी तो उसे और उसके पिता को पड़ोसियों और रिश्तेदारों के ताने सुनने पड़ते थे लेकिन इन तानों से बेपरवाह शेफाली ने कभी हार नहीं मानी। उसके पिता के मुताबिक प्रैक्टिस के दौरान कई बार गेंद उसके हेलमेट पर लगती थी और ऐसे ही कई अवसरों पर खेलते समय उसके हेलमेट की जाली भी टूट जाती थी लेकिन शेफाली ने हार न मानकर अपना खेल निरन्तर जारी रखा। गेंद पर एकाग्रता बढ़ाने के लिए वह अपने घर में ही हैंगिग बॉल से (रस्सी के सहारे बॉल लटकाकर) प्रतिदिन करीब डेढ़ घंटे तक अभ्यास करती थी। आज उसकी उसी कड़ी मेहनत और जुनून का ही नतीजा है कि कई दिग्गज क्रिकेटर भी अब उसके खेल की तारीफ कर रहे हैं। जो लोग कभी शेफाली और उसके पिता को कहा करते थे कि लड़कियों का क्रिकेट में कोई भविष्य नहीं है, आज वही लोग उसकी प्रशंसा कर रहे हैं। शेफाली ने पहली बार महिला आईपीएल से सुर्खियां बटोरी थी। टीम इंडिया में मौका पाने से पहले शेफाली ने घरेलू क्रिकेट में जमकर धमाल मचाया। घरेलू क्रिकेट में उसने कुल छह शतक और तीन अर्धशतकों की मदद से 1923 रन बनाए।

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