अमेरिका में ईमेल द्वारा हिन्दू विरोधी षडयंत्र

अमेरिका, 2 मार्च (हि.स.)। यूरोप तथा एशिया महाद्वीप में हिन्दू धर्म को बदनाम करने के लिए समय-समय पर चलाए जाने वाले षड्यंत्र का एक बार फिर खुलासा हुआ है। इस बार हिन्दुओं को बदनाम करने के लिए वेबसाइट तथा ईमेल का सहारा लेकर झूठा तथा अनर्गल प्रचार अमेरिका से किया जा रहा है। हाल ही में जो बात पकड में आई है वह ईमेल से संबंधित है। इस ईमेल द्वारा यूरोप तथा अन्य देशों के क्रिश्चियनों को यह संदेश भेजा जा रहा है कि भारत में हिन्दुओं के बीच क्रिश्चियन धर्मावलम्बी सुरक्षित नहीं है। उन पर लगातार हिन्दुओं द्वारा अत्याचार किए जा रहे हैं। ईमेल में सभी देशों के क्रिश्चियनों से हिन्दुस्थान में रहने वाले क्रिश्चियनों की जिन्दगी बचाने के लिए सामुहिक प्रार्थना की अपील की गई है।     

इसकी आपातकालीन प्रार्थना की गुजारिश में लिखा है कि सभी कृपया भारत के चर्चों के लिए प्रार्थना करें, बुध्दिास्ट, अतिवादियों ने कल रात 20 चर्चों में आग लगा दी है और आजकी रात वे 200 चर्चों को ओलिसाबैंग प्रांत में नष्ट करने का इरादा रखते हैं। ये लोग योजनाबध्दा तरीक से 24 घंटों में 200 मिशनरियों को मारने वाले हैं। अपनी जान बचाने के लिए अभी सभी क्रिश्चियन गांवों में छुपे हुए हैं। कृपया उनके लिए सभी क्रिश्चियन प्रार्थना करें और इस ईमेल को अपने सभी परिचित क्रिश्चियनों के पास भेजें। साथ ही सभी ईश्वर से प्रार्थना करें कि वह भारत में रहने वाले हमारे क्रिश्चियन भाई-बहिनों पर दया करे । जब यह संदेश आपको मिले तब इस आपात प्रार्थना की गुजारिश अन्य क्रिश्चियन भाईयों को भी भेजें।

इस ईमेल को पढकर अमेरिका तथा अन्य यूरोपीय देशों में रह रहे हिन्दुओं से पूछा जा रहा है कि क्या भारत में इस तरह की कोई घटना घटी है ? क्या क्रिश्चियनों पर इतने बर्बर अत्याचार किए जा रहे हैं। 

ऐसे ईमेल की जानकारी के बाद विश्वहिन्दू परिषद के केंद्रीय सहमंत्री अण्णाजी मुकादम ने इसे अतिवादी क्रिश्चियनों के द्वारा हिन्दुओं की विश्व में छबि बिगाडने के लिए योजनाबध्दा तरीके से किया जा रहा षड्यंत्र करार दिया है । उनका कहना है कि अमेरिका में ईमेल तथा वेबसाईटों के लिए कानून सख्त नहीं है। वहां जब तक छपवाकर किसी बात का प्रचार नहीं किया जाता वह कानून के दायरे में नहीं आता है। इसी का फायदा अमेरिका तथा अन्य यूरोपीय देशों में हिन्दू विरोधी लोग उठाते हैं।

 

पाकिस्तान में सिखों की बर्बर हत्या से आक्रोशित विश्व हिन्दू परिषद

अमेरिका, 2 मार्च (हि.स.)। विश्वहिन्दू परिषद की अमेरिका शाखा ने पाकिस्तान में गैर मुस्लिमों पर लगाए गए कर जजिया न चुकाने पर सिख भाईयों की सर काटकर हत्या किए जाने पर गहरा आक्रोश व्यक्त किया है। अमेरिका के हिन्दूसमुदाय की ओर से विश्व हिन्दू परिषद (विश्व हिन्दू संस्था अमेरिका) ने शोकाकुल परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए पाकिस्तान के फाटा स्थान पर हुई इस घटना को इस्लामिक जिहादियों द्वारा किया गया अत्यंत कायरतापूर्ण, असभ्य और घिनौना अपराध करार दिया है।

विहिप अमेरिका ने एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से दो बहादुर सिख भाईयों के सर काटे जाने की घटना के लिए गहरा आक्रोश और निराशा व्यक्त की है। इन दोनों सिखों के शव पाकिस्तान के खाईबर तथा औराकजाई  नामक जिलों में मिले थे।

नई दिल्ली स्थित सूत्रों के मुताबिक इन मारे गए सिखों को इस्लाम कबूल करने या फिर मरने का विकल्प दिया गया था। सिखों द्वारा इस्लाम कबूल करने से मना करने पर इनकी सर काटकर हत्या कर दी गई। इसके अलावा स्थानीय समुदाय को आतंकित और अपमानित करने के लिए इनके सर पेशावर के भाईजोगासिंह गुरूद्वारे को भेजे गए थे।

प्राप्त जानकारी के मुताबिक घटना से करीब 34 दिन पहले छह सिखों को अगवा किया गया था, जिनमें से चार सिख अभी भी इस्लामिक जिहादियों के कब्जे में हैं। इसके अलावा एक हिन्दू (गैर सिख) को भी कुछ जिहादियों द्वारा 19 फरवरी को अगवा किया गया है। औसतन नार्थ वेस्ट फ्रंटियर प्रोविंस तथा पाकिस्तान के आदिवासी इलाकों में तालिबान द्वारा गैर मुस्लिमों पर जजिया कर लगाए जाने तक करीब दस हजार सिख निवास करते थे। जब इस्लामी जिहादियों द्वारा सिख समुदाय के अधिकांश लोगों की सम्पत्ति पर कब्जा कर लिया गया तब इस समुदाय के अधिकांश लोग पाकिस्तान के विभिन्न शहरों जैसे पेशावर, लाहौर और ननकाना साहब की ओर भाग गए।

विश्वहिन्दू परिषद अमेरिका ने मृत आत्माओं के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए पीडित परिवारों को भरोसा दिलाया है कि अमेरिका में रहे हिन्दू इस संकट और दु:ख की घडी में अपने भाई-बहिन के साथ हैं। साथ ही परिषद ने कहा है कि पाकिस्तान में इस तरह की दुष्साहसिक वारदातों के बावजूद भी भारत सरकार ने पाकिस्तान के साथ शांतिवार्ता फिर से आरंभ कर दी है। विहिप अमेरिका का मानना है कि अब समय आ गया है कि भारत सरकार पाकिस्तान को कडा संदेश देते हुए सभी तरह की बातचीत बंद कर दे जब तक कि दोषियों को कडी सजा नहीं मिलती है। 

3 COMMENTS

  1. आपने इन षडयंत्रकारियों को बेनकाब कर फिर से हिंदू धर्म के खिलाफ उठने वाली आवाजों की और ध्यान दिलाया है.

  2. अमेरिका में सख्त कानून है दुसप्रचार के विरुध इसमे ईमेल और इंटरनेट भी शामिल हैं , शिकायत दर्ज करायी जाए वहीं की संस्था द्वारा जिसका उल्लेख अमेरिका के समाचार में किया गया है

  3. जब तक हिंदु कायरता की हद तक सहिष्णु बना रहेगा तब तक ऐसी बातें होती रहेंगी….अमेरिका मैं रहने वाले हिंदुओं को इसके बारे मैं विरोध करना चाहिये…..

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