अपनी कार्यशैली व व्यवहार से लोकप्रिय जननेता बनते “अनुराग ठाकुर”

दीपक कुमार त्यागी

हमारे देश में राष्ट्रीय राजनीति में प्रत्येक दल में एक से एक दिग्गज राजनेता मौजूद हैं, लेकिन उनमें से बहुत कम ऐसे लोग हैं जो जननेता हैं और जिन्होंने अपनी मेहनत व कार्यशैली के बलबूते भारतीय राजनीति में अपना स्थान बनाया हो, अधिकांश ने पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की विशेष कृपा के चलते राजनीति में विशेष मुकाम हासिल किया है। लेकिन देश की केन्द्रीय राजनीति में बहुत ही कम आयु में ही अपनी मेहनत, व्यवहार कुशलता व कार्यशैली के बलबूते हिमाचल प्रदेश के ‘युवा तुर्क’ जननेता अनुराग ठाकुर ने यह मुकाम हासिल किया है। भारतीय राजनीति में अपनी एक अलग पहचान बनाकर आम जनमानस के दिलोदिमाग पर अपनी छाप छोड़ने वाले लोकप्रिय जननेता, राजनीति के दावपेंच में महारत हासिल रखने वाले कुशल संगठनकर्ता व कारगर रणनीतिकार केन्द्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर को अभी हाल में केंद्रीय मंत्रिमंडल में ‘वित्त व कार्पोरेट मामलों’ के राज्य मंत्री से कैबिनेट मंत्री के रूप में प्रमोशन मिला है, उनको भारत सरकार के बेहद अहम ‘खेल और युवा विकास मंत्रालय’ के साथ-साथ ‘सूचना प्रसारण मंत्रालय’ जैसे बेहद महत्वपूर्ण मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई है। अपनी मेहनत व सरलता की वजह से बेहद कम समय में अनुराग ठाकुर भारतीय राजनीति के एक ऐसे भरोसेमंद चर्चित चेहरे के रूप में अपना स्थान बनाकर उभरे हैं, जिस पर उनकी पार्टी भाजपा व आम जनता दोनों आँख बंद करके पूर्ण भरोसा कर सकती हैं। उनकी कार्यशैली के चलते ही देश की जनता व पार्टी दोनों उनके प्रमोशन पर लगातार अपनी मौहर लगाकर उनको आगे बढ़ाने का कार्य कर रही हैं, निरंतर नित-नयी भूमिका में उनको कार्य करने का अवसर प्रदान कर रही हैं। आज वह एक क्रिकेटर से देश की राजनीति में बेहद सफल सशक्त जननेता वाला चेहरा बनकर लोगों के बीच अपनी पैठ बनाकर बहुत सारे लोगों के दिलोदिमाग पर छा चुकें हैं।

46 वर्षीय अनुराग ठाकुर हिमाचल प्रदेश के एक बेहद प्रतिष्ठित राजनीतिक घराने से ताल्लुक रखते हैं। अनुराग का जन्म 24 अक्टूबर 1974 को हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जनपद के समीरपुर में हुआ था। इनके पिता हिमाचल प्रदेश के दिग्गज राजनेता पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल और माता शीला धूमल हैं। अनुराग के छोटे भाई अरुण धूमल पंजाब के जालंधर में शिक्षण संस्थान चलाते हैं। अनुराग की शादी वर्ष 2002 में पूर्व मंत्री ठाकुर गुलाब सिंह की बेटी शैफाली से हुई थी। उनके दो बेटे जय आदित्य सिंह और उदयवीर सिंह हैं। अनुराग की प्रारंभिक शिक्षा दयानंद मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल जालंधर में हुई। इसके बाद उन्होंने दोआबा कॉलेज से स्नातक किया था। हालांकि राजनीति उन्हें एक तरह से विरासत में मिली थी, लेकिन उन्होंने अपनी मेहनत व कार्यशैली के बलबूते हिमाचल प्रदेश के साथ-साथ देश की राजनीति में अपना विशेष स्थान बनाकर पिता के द्वारा सौंपी गयी विरासत को बखूबी आगें बढ़ाने का कार्य करते हुए, जनता व पार्टी के आगे खुद को साबित करने का कार्य किया है, जो कि हर माता-पिता व परिजनों के लिए विशेष गर्व की बात है।

वैसे तो अनुराग ठाकुर ने अपना करियर एक क्रिकेटर के तौर पर मात्र 14 वर्ष की आयु में शुरू किया था, उन्हें दिल्ली और पटियाला में इंग्लैंड के खिलाफ अंडर-19 क्रिकेट टीम के लिए चयनित किया गया था। वह पंजाब अंडर-19 क्रिकेट टीम और ऑल इंडिया चैंपियनशिप जीतने वाली नॉर्थ जोन अंडर-19 टीम के कप्तान रह चुकें हैं। क्रिकेट उनका मनपसंद खेल है, मात्र 25 साल की उम्र में वह हिमाचल प्रदेश राज्य क्रिकेट संघ के सबसे कम उम्र के अध्यक्ष रह चुकें हैं। क्रिकेट के प्रति उनका जुनून कांगड़ा स्थित धर्मशाला के बेहतरीन अंतरराष्ट्रीय स्तर के क्रिकेट स्टेडियम के निर्माण के रूप में देखा जा सकता है। इसके साथ ही वह राइफल एसोसिएशन, हॉकी एसोसिएशन, टेबल टेनिस एसोसिएशन, ओलंपिक संघ व बीसीसीआई आदि में विभिन्न महत्वपूर्ण दायित्वों पर रहे हैं।

देश की राजनीति की अगर हम बात करें तो अनुराग ठाकुर वर्ष 2010 में भाजपा के युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने थे। लेकिन जब उन्होंने आतंकवाद से ग्रस्त जम्मू-कश्मीर राज्य के लिए 12 जनवरी 2011 को कोलकाता से श्रीनगर के लाल चौक तक के लिए तिरंगा यात्रा निकालने की शुरुआत की थी, तो वह देश ही नहीं दुनिया भर की मीडिया की सुर्खियों में छा गये थे, क्योंकि अनुराग ठाकुर के नेतृत्व में निकल रही इस तिरंगा यात्रा का मुख्य उद्देश्य राज्य के आतंकवाद से ग्रस्त देशभक्त लोगों की हौसलाअफजाई करते हुए व राज्य में आतंक की दुकान चलाने वाले अलगाववादियों और आतंकियों के मनोबल को तोडऩे वाला सख्त संदेश देने का था, जिसके लिए वह घाटी के श्रीनगर में लालचौक पर तिरंगा फहराने चाहते थे, उनकी इस तिरंगा यात्रा के विरोध में राज्य के अलगाववादियों ने भी 26 जनवरी को श्रीनगर के लालचौक पर जवाबी रैली निकाल कर तिरंगा ना फहरा देने और काले झंडे फहराने की घोषणा की थी, हालांकि अनुराग ठाकुर को श्रीनगर के लालचौक तक पहुंचने से पूर्व ही गिरफ्तार कर लिया गया। लेकिन इस पूरे घटनाक्रम में वह अपनी मेहनत व हौसले के बलबूते पार्टी व आमजन में छा गये थे। भाजपा युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में अनुराग ठाकुर के नेतृत्व में संसद भवन के घेराव कार्यक्रम का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया था, जिसने उन्हें दिल्ली की राष्ट्रीय राजनीति में स्थापित करने का कार्य किया था। जिसके चलते वह वर्ष 2013 में एकबार फिर से युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने और युवा मोर्चे का दोबारा अध्यक्ष बनने का रिकॉर्ड बनाया। वहीं वर्ष 2014 में अनुराग ने तीसरी बार फिर से युवा मोर्चा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनकर भाजपा के तीन-तीन राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी, राजनाथ सिंह व अमित शाह के नेतृत्व में काम करने का रिकॉर्ड बनाया, जिसको तोड़ना फिलहाल के राजनीतिक परिदृश्य में बेहद मुश्किल है। राजनीति के अलावा भी वह देश के प्रति अपनी जिम्मेदारियों का निरंतर निर्वहन करते रहते हैं, जिसके चलते उन्हें जुलाई 2016 में तत्कालीन सेना प्रमुख जनरल दलबीर सिंह सुहाग ने टेरीटोरियल आर्मी में एक लेफ्टिनेंट के रूप में शामिल किया था, वर्तमान में वह प्रमोशन पाकर 124 सिख बटालियन के कैप्टन के रूप में टेरीटोरियल आर्मी में अपनी सेवा प्रदान कर रहे हैं। भारत के संसदीय इतिहास में ऐसे चंद ही उदाहरण हैं, अनुराग ठाकुर देश के पहले ऐसे सांसद बन गए हैं जो कि सेना में बतौर रेग्युलर कमीशन ऑफिसर के रूप में कैप्टन बनाए गए हैं।

अनुराग ठाकुर फिलहाल हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर से चौथी बार लोकसभा सांसद हैं, वह इस लोकसभा सीट से पहली बार मई 2008 में भाजपा के उम्मीदवार के रूप में उपचुनाव में लोकसभा के लिए चुने गए थे। तब से वह अपने कार्यों व जनसेवा के बलबूते लगातार 14वीं, 15वीं, 16वीं और 17वीं लोकसभा में इस सीट से ही विजयी होकर लोकसभा के सदस्य बनते आ रहे हैं। वर्ष 2011 में भारत के युवा सांसदों में से एक अनुराग ठाकुर सर्वश्रेष्ठ युवा सांसद का पुरस्कार प्राप्त कर चुके हैं। वह लोकसभा में पार्टी चीफ व्हिप के दायित्व का निर्वहन कर चुकें हैं। उनको फेम इंडिया श्रेष्ठ सांसद अवार्ड 2018, वर्ष 2019 में ‘संसद रत्न’ के पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उन्होंने संसद सदस्य के तौर पर लगातार विभिन्न बेहद महत्वपूर्ण संसदीय कमेटियों के दायित्व का सफलतापूर्वक निर्वहन किया। सबसे बड़ी बात यह है की अनुराग ठाकुर की संसद में उपस्थिति 91 प्रतीशत के लगभग है, जो देश की जनता के द्वारा उनकों दी गयी जिम्मेदारियों के प्रति उनकी गंभीरता को दर्शाती है।

अनुराग ठाकुर ने मोदी सरकार के द्वारा जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35ए हटाने के बाद राज्य में ‘डीडीसी’ के चुनावों में भाजपा की नैया पार लगाने के कार्य को सफलतापूर्वक अंजाम देकर, विश्व में मोदी सरकार के सशक्त नेतृत्व व कुशल प्रबंधन में जम्मू-कश्मीर राज्य में जम्हूरियत व अमन चैन का राज तेजी से क़ायम होने के संदेश को मजबूती प्रदान करने का कार्य किया था। उन्होंने बेखौफ होकर दशकों से आतंक की मार झेल रहे जम्मू-कश्मीर राज्य में छोटी बड़ी जनसभा करके मतदाताओं को जागरूक करके उनके मन से आतंकियों के खौफ को निकालकर बड़े पैमाने पर मतदान करने के लिए प्रेरित करने का कार्य बाखूबी अंजाम दिया था। उन्होंने दुनिया को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व गृहमंत्री अमित शाह का यह संदेश देने में अहम भूमिका निभाई कि भारत में मोदी सरकार में जम्मू-कश्मीर के लोग आतंक से खौफजदा ना होकर अब आम चुनावों में बढ़चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं, राज्य के आम नागरिक भारत सरकार के निर्णयों, आतंकवाद से आज़ादी दिलाने के प्रयासों व अमन चैन का दिल खोलकर स्वागत, अभिनंदन कर रहे हैं। आज सर्वशक्तिमान ईश्वर के आशीर्वाद से अपनी व्यवहार कुशलता, कार्यप्रणाली व मेहनत के बलबूते अनुराग ठाकुर मोदी सरकार की कैबिनेट का वह अनमोल नगीना बन गये हैं, जिससे भविष्य में संघ-भाजपा, मोदी-शाह की जोड़ी, भाजपा के साथ देश की आम जनता को भी बहुत उम्मीदें हैं।

।। जय हिन्द जय भारत ।।
।। मेरा भारत मेरी शान मेरी पहचान ।

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