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आर्थिक संसाधनों की उपलब्धता के आधार पर मिले आरक्षण
सिद्धार्थ मिश्र स्वतंत्र अभी कुछ दिनों पूर्व योजना आयोग की रिर्पोट ने हंगामा खडा कर दिया है। लोग सोचने पर विवश हैं क्या …„ रूपए पर्याप्त हैं,व्यकित की रोजमर्रा के खानपान और जरूरतों के लिए । इस अल्प राशि में क्या खाएं क्या न खाएं,सोचकर लोगों का दिमाग भन्ना गया…