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और भी हैं बदनसीब जफ़र दफ्न के लिए - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
आशुतोष शर्मा अपने देश से मुहब्बत इंसान की प्राकृतिक देन है। हजारों मील दूर रहने के बावजूद वह जन्मभूमि को चाहकर भी भूल नहीं पाता है। चाहे नौकरी की तलाश में अपनी सरजमीं से दूर हो या फिर शरणार्थी के रूप में उसे वतन छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा हो,…