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आर्यत्व का धारण मनुष्य को श्रेष्ठ व सफल मनुष्य बनाता है” - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
मनमोहन कुमार आर्य हम अपने पूर्व जन्मों के अच्छे कर्मों के कारण इस जन्म में मनुष्य योनि में उत्पन्न हुए हैं। दो मनुष्यों व इनकी आत्माओं के कर्म समान नहीं होते। अतः सभी मनुष्यों के परिवेश व इनकी सामाजिक परिस्थितियां भिन्न भिन्न देखने को मिलती हैं। वैदिक कर्म-फल सिद्धान्त के…