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अपवित्र जीवात्मा पवित्र ईश्वर का साक्षात्कार नहीं कर पाती - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
मनमोहन कुमार आर्य ईश्वर व जीवात्मा दो पृथक पृथक चेतन सत्तायें हैं। दोनों ही अनादि, नित्य, अनुत्पन्न, अविनाशी, अमर, ज्ञान व कर्म करने की शक्ति से युक्त सत्तायें हैं। दोनों के स्वरूप में कुछ समानतायें और कुछ भिन्नतायें भी है। ईश्वर आकाश के समान सर्वव्यापक है तो जीवात्मा एकदेशी है।…