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जाग रहा था ख्यालो में सो रहा था तन - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
जाग रहा था ख्यालो में सो रहा था तन,गला रुन्द रहा था रो रहा था मन...... जब निकलेगी किरणे तो देखेंगे अपने सपनो को,पेट के लिए हमने मिट्टी में मिला दिया है तन मन को, जवान होती बेटी को देख पसीजता है मन,दहेज के लिए दिन भर काम में झुकता…