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आँधी हो तूफान घिरा हो, पथ पर कभी नहीं रूकना है - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
अज्ञात ने बेटियों के बारे में बड़े ही खूबसूरत शब्दों में यह लिखा है कि-'जरूरी नहीं रौशनी चिरागों से ही हो। बेटियाँ भी घर में उजाला करती हैं।' आज बेटियां समाज के हर क्षेत्र में अपनी भागीदारी दे रहीं हैं और अपने परिवार, समाज व देश का नाम रौशन कर…