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प्रेयसी - मिलन - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
पता नहीं कुछ वर्षों की या जन्मों का है सहारा ना तेरा ना मेरा कहता, कहता सब है हमारा उसे प्रेयसी ने जब प्रथम मिलन को पुकारा मन में खुशी लिए तुरत ही हो गया नौ दो ग्यारा मन में था डर, क्या करता पर यह ना सोचा क्या होगा…