बेटी बचाओ -बेटी पढाओ

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अभी अभी एक घटना घटी
बात बिलकुल सच्ची है पर अटपटी
अभी अभी एक व्यक्ति का फोन आया
उसने मझे डॉक्टर कह कर बुलाया
क्या आप डॉक्टर अनिता बोल रही है ?
हाँ,मै डॉक्टर अनिता ही बोल रही हूँ
कहिये,मै आपकी क्या सेवा कर सकती हूँ ?
क्या बीमारी है,क्या समझ सकती हूँ ?
दूसरी तरफ से जबाब आया ,
मै डॉक्टर खुराना बोल रहा हूँ
तुम्हारा पुराना साथी बोल रहा हूँ
वह कुछ सहमा सा डरते हुए बोला,
मेरी पत्नी जो डॉक्टर है प्रेगनेंट है
लगता है वह चार महीने से प्रेगनेंट है
पर उसने अभी अभी मुझे बताया
उसके गर्भ में एक बच्ची पल रही है
पर वह इससे बहुत ही डर रही है
हम उसका एबॉर्शन कराना चाहते है
न चाह कर भी यह सब कुछ चाहते है
यह सुनकर डॉक्टर अनिता गुस्से में बोली
क्यों करते हो उसके जीवन से अठखेली ?
मालूम है तुम,किस से बात कर रहे हो ?
क्यों ये अनहोनी बात कर रहे हो ?
मै तुम्हे अभी जेल भिजवा दूँगी
पुलिस के हत्थे अभी चढवा दूँगी
डॉक्टर होकर भी ऐसी बाते करते हो
कुछ तो शर्म खाओ ऐसी बाते करते हो
अगर मै ऐसा कुछ तुम्हारे लिए करती हूँ
तुम भी जेल जाओगे मै भी जेल जाउंगी
डॉक्टर खुराना रोते हुए बोले,
जरा डॉक्टर साहिब ध्यान से सुनो
जब ये बच्ची इस संसार में आएगी
हम उसका लालन पोषण कर सकते है
उसको डॉक्टर भी बना सकते है
अच्छा नागरिक भी बना सकते है
पर हम तो दोनों  काफी डर रहे है
अपने डर के कपाट तुम से खोले रहे है
जब यह बच्ची इस संसार में आयेगी
अपने जीवन के कुछ साल बितायेगी
इस समाज के बीच दहलीज में आयेगी
क्या इसको समाज में सुरक्षा मिल पायेगी ?
क्या कोई दरिंदा व्यक्ति यहाँ नहीं आयेगा ?
क्या इस बच्ची का कोई रेप नहीं कर पायेगा ?
क्या हम बलात्कारी को सजा दिला पायेगे ?
क्या उस बच्ची को न्याय दिला पायेगे ?
ये ही प्रश्न उभर रहे हमारे मस्तिष्क में
इसका हल कोई नहीं हमारे मस्तिष्क में
इसलिए हम एबॉर्शन कराना चाहते है
पर ऐसी सोच के लिए क्षमा चाहते है
माना कि “बेटी बचाओ,बेटी पढाओ”
खूब जोर शोर से प्रचार करते है हम
“बेटी पढाओ, रेप से बचाओ”
“दरिंदो को सजा दिलवाओ ”
पर ये प्रचार क्यों नही करते हम ?
आओ हम सब मिल कर एक साथ
इस प्रचार में एक जुट हो जाये
देश की बेटियों को रेप से बचाये
देश की बेटियों को रेप से बचाये

आर के रस्तोगी

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आर के रस्तोगी
जन्म हिंडन नदी के किनारे बसे ग्राम सुराना जो कि गाज़ियाबाद जिले में है एक वैश्य परिवार में हुआ | इनकी शुरू की शिक्षा तीसरी कक्षा तक गोंव में हुई | बाद में डैकेती पड़ने के कारण इनका सारा परिवार मेरठ में आ गया वही पर इनकी शिक्षा पूरी हुई |प्रारम्भ से ही श्री रस्तोगी जी पढने लिखने में काफी होशियार ओर होनहार छात्र रहे और काव्य रचना करते रहे |आप डबल पोस्ट ग्रेजुएट (अर्थशास्त्र व कामर्स) में है तथा सी ए आई आई बी भी है जो बैंकिंग क्षेत्र में सबसे उच्चतम डिग्री है | हिंदी में विशेष रूचि रखते है ओर पिछले तीस वर्षो से लिख रहे है | ये व्यंगात्मक शैली में देश की परीस्थितियो पर कभी भी लिखने से नहीं चूकते | ये लन्दन भी रहे और वहाँ पर भी बैंको से सम्बंधित लेख लिखते रहे थे| आप भारतीय स्टेट बैंक से मुख्य प्रबन्धक पद से रिटायर हुए है | बैंक में भी हाउस मैगजीन के सम्पादक रहे और बैंक की बुक ऑफ़ इंस्ट्रक्शन का हिंदी में अनुवाद किया जो एक कठिन कार्य था| संपर्क : 9971006425

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