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भारत भूमण्डल के मंगलस्वरुप - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
संसार की सार आधार ,स्थूल, सूक्ष्म पावन विचार ,दिव्य शांति सौम्य विविध प्रकार ,जिनसे सर्वत्र क्लांत , क्रंदन की प्रतिकार !करूणावरूणालया कल्याणकारिणी,मनःशोक निवारिणी लीलाविहारिणी,तत्वस्वरूपिणी दुःख भयहारिणी,व्याधिनाशिनी हे मनोहारिणी !मंगलमय चिह्नों से युक्त वीस्तीर्ण नयन,वैभववेदान्तवेद्य ऐश्वर्य विद्या, धनमहारौद्ररूपिणी ! कोटि नमनअनंत अनंत प्रणमन वंदन !विश्व की उत्पत्ति, स्थिति प्रलय की प्रेरित,सूर्य-…