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१५ अगस्त को परतंत्रता की छांह में कैद था भोपाल - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
मनोज कुमार १५ अगस्त १९४७ को जब भारत वर्ष का गांव-गांव जश्ने आजादी में डूबा था, तब भोपाल की परतंत्रता की बेड़ियों से मुक्त नहीं हो पाया था. तत्कालीन नवाब हमीदुल्ला खां के उस फैसले से हुआ था जिसमें उन्होंने अपनी रियासत का विलय से इंकार कर दिया था। यह…