बॉलीवुड के स्टीरियोटाइप को तोड़ती फिल्म “राजी”

1
177

 

जावेद अनीस

“राजी” एक खास समय में आई स्पेशल फिल्म है और इसके स्पेशल होने के एक नहीं अनेकों कारण हैं. एक ऐसे दौर में जहां कश्मीर और मुसलमान जैसे शब्द नकारात्मक छवि पेश करते हैं. मेघना गुलज़ार एक ऐसी अनोखी फिल्म लेकर आई हैं जो एक मुस्लिम कश्मीरी लड़की की कहानी कहती है जिसने 1971 की जंग में पाकिस्तान में जाकर भारत के लिये जरुरी का काम किया था. इससे पहले कश्मीर के पृष्ठिभूमि पर 2014 में विशाल भारद्वाज की “हैदर” आई थी जिसने कश्मीर को इतने संवदेनशीलता के साथ प्रस्तुत किया था.मेघना गुलजार की यह फिल्म 1971 के भारत-पाक युद्ध के बैकग्राउंड पर आधारित है. यह फिल्म सच्ची कहानी से प्रेरित बताई जाती है जो रिटायर्ड नेवी ऑफिसर हरिदंर सिक्का के नावेल ‘कॉलिंग सहमत’ पर आधारित है. दरअसल हरिंदर सिक्का ने ‘कॉलिंग सहमत में देश के लिए कुर्बानी देने वाली एक ऐसी कश्मीर की कहानी बयां की है जिसने 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दरमियान पाकिस्तान में शादी के बहाने घुसकर कई ऐसे राज पता कर लिए थे जिससे पाकिस्तान की हमारे युद्धपोत आईएनएस विराट को तबाह करने की योजना विफल हो गयी थी .यह कश्मीर में रहने वाले हिदायत खान (रजित कपूर) और उनके परिवार की कहानी है, वैसे तो हिदायत खान व्यापार का काम करते हैं और इसी सिलसिले में उनका पाकिस्तान आना जाना होता रहता है और पाकिस्तानी सेना के ब्रिगेडियर परवेज सय्यद (शिशिर शर्मा) के साथ अच्छी दोस्ती भी हो जाती है लेकिन व्यापार के बहाने वे भारत की तरफ से पाकिस्तान में जासूसी भी करते हैं. इस दौरान उन्हें पता चलता है कि भारत द्वारा बांग्लादेश की मुक्तिवाहिनी सेना को समर्थन दिये जाने से नाराज पाकिस्तान भारत को कोई बड़ा नुकसान पहुँचाने की तैयारी में हैं लेकिन इसी के साथ ही उन्हें अपनी जानलेवा बीमारी के बारे में भी पता चल जाता है जिसकी वजह से वो बस थोड़े ही दिन जिन्दा रहने वाले हैं. फिर वो अपनी बेटी सहमत (आलिया भट्ट) को पाकिस्तान की तैयारियों के बारे में जासूसी के लिये राजी करते हैं इसके लिये सहमत की शादी पाकिस्तान के आर्मी अफसर के छोटे बेटे इकबाल सैयद (विक्की कौशल) से कर दी जाती है जहाँ से वो अपने आपको जोखिम में डालकर पाकिस्तानी आर्मी के कई खुफिया दस्तावेज और जानकारी भारत की सुरक्षा एजेंसियों तक पहुँचाती है.यह आलिया भट्ट की फिल्म है. यह एक कठिन किरदार था जिसे आलिया ने बखूबी निभाया है. राजी के किरदार में वे एकदम फिट बैठी हैं, उनके किरदार के कई शेड्स हैं. उन्होंने अपने किरादर के हर हाव-भाव पर गजब का नियंत्रण रख रही हैं, कई बार वे बिना कुछ बोले ही अपनी भावनाओं को बाहर आने का पूरा मौका देती हैं. आलिया के ट्रेनर की भूमिका जयदीप अहलावत प्रभावित करते हैं और उन्हें देखकर कोफ़्त होती है कि आखिरकार इतने गुणी कलाकार को नजरअंदाज क्यों किया जाता है. आलिया के पति और पाक आर्मी ऑफिसर के किरदार को विक्की कौशल ने बहुत ही संतुलित तरीके से निभाया है.मेघना गुलजार इससे पहले ‘फिलहाल’, ‘जस्ट मैरिड’, ‘तलवार’ जैसी फिल्मों बना चुकी है और इस बार वे रोमांचित कर देने वाली फिल्म ‘‘राजी’’ लेकर आयी हैं. वे अपनी फिल्मों को महिलाओं के नजरिये से पेश करने को जानी जाती हैं और यहां भी उन्होंने यही काम किया है. अपने कौशल और आलिया के अभिनय के बल पर वे एक महिला जासूस के अंतर्द्वदों को उभारने में बखूबी कामयाब होती हैं. इसी तरह से भारत पाकिस्तान युद्ध के पृष्ठभूमि पर होने के बावजूद वे राजी को किसी भी अतिरेक से बचाए रखती हैं और सबसे बड़ी बात जंग, साजिशों और हत्याओं के बीच वे फिल्म के केंद्र में मानवीयता को ही बनाये रखती हैं. यह फिल्म जंग पर इंसानियत को तरजीह देती है. अंत में यह फिल्म सहमत की बहादुरी और कामयाबी को ज्यादा तरजीह देने के बजाये युद्ध की निर्थकता और इससे इंसानियत को होने वाले नुकसान की तरफ हमारा ध्यान दिलाती है. यह एक परिपक्व फिल्म है जो बॉलीवुड के कई स्टीरियोटाइप को तोड़ती है और अपना एक नया जोनर बनाती है.एक ऐसे दौर में जब राष्ट्रवाद की नयी परिभाषायें गढ़ी जा रही हों और देशभक्ति पर एकाधिकार जताया जा रहा हो तो ‘राज़ी’ रुपहले परदे पर बहुत ही सशक्त तरीके से यह बताने में कामयाब होती है कि राष्ट्रवाद इकहरा नहीं हो सकता और देशभक्ति होने के लिये किसी एक मजहब का होना जरूरी नहीं है.और इन सबके बीच सबसे अच्छी बात तो यह है कि ‘राजी’ बॉक्स ऑफिस पर बहुत अच्छा कलेक्शन कर रही है जिससे आने वाले दिनों में इस तरह से लीक से हटकर फिल्में बनाने वालों का रास्ता आसान और हौसला बुलंद होगा.

 

1 COMMENT

  1. कमसे कम फिल्में हमे यह खुशफहमी देती रहती है कि हमारे हिंदुस्तानी मुसलमान भाई जिनके साथ हम रोटी बांट कर खाते है, वे समय आने पर इस मुल्क की रक्षा और हिफाजत के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर सकते है. कहानी सभी 125 करोड़ भारतीयों का प्रेरणा का स्रोत बने यही ईश्वर से प्रार्थना है.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here