बहिष्कार करो चीनी माल का

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बहिष्कार करो चीनी माल का,
अगर देश को तुम्हे बचाना है।
प्रण करो देशवासियों आज सभी
भारत को आत्मनिर्भर बनाना है।।

बन्द करो चीनी आयात को,
निर्यात को तेजी से बढ़ाना है।
भारत को आर्थिक दृष्टिकोण से
अब खूब माला माल बनाना है।।

आत्मनिर्भर जब होगा भारत,
तभी हर जंग लड़ पाएगा।
चीन पाक जैसे मुल्कों को,
तभी भारत धूल चटा पाएगा।।

सेना सीमा पर लड़ती हैं,
दुश्मन को मार भगाती है।
बन्द कर चीनी सामानों को,
दुश्मन की कमर टूट जाती है।।

सीख ले जापान से हम सभी,
उसने यू एस को पछाड़ा था।
बन्द कर दिया उसका सामान,
जब उसने उस पर बम डाला था।

भले ही सस्ता माल मिले तुमको,
चीनी माल का मोह छोड़ना होगा।
करो उत्पादन अपने ही देश में,
अगर दुश्मन को हराना होगा ।।

आर के रस्तोगी

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आर के रस्तोगी
जन्म हिंडन नदी के किनारे बसे ग्राम सुराना जो कि गाज़ियाबाद जिले में है एक वैश्य परिवार में हुआ | इनकी शुरू की शिक्षा तीसरी कक्षा तक गोंव में हुई | बाद में डैकेती पड़ने के कारण इनका सारा परिवार मेरठ में आ गया वही पर इनकी शिक्षा पूरी हुई |प्रारम्भ से ही श्री रस्तोगी जी पढने लिखने में काफी होशियार ओर होनहार छात्र रहे और काव्य रचना करते रहे |आप डबल पोस्ट ग्रेजुएट (अर्थशास्त्र व कामर्स) में है तथा सी ए आई आई बी भी है जो बैंकिंग क्षेत्र में सबसे उच्चतम डिग्री है | हिंदी में विशेष रूचि रखते है ओर पिछले तीस वर्षो से लिख रहे है | ये व्यंगात्मक शैली में देश की परीस्थितियो पर कभी भी लिखने से नहीं चूकते | ये लन्दन भी रहे और वहाँ पर भी बैंको से सम्बंधित लेख लिखते रहे थे| आप भारतीय स्टेट बैंक से मुख्य प्रबन्धक पद से रिटायर हुए है | बैंक में भी हाउस मैगजीन के सम्पादक रहे और बैंक की बुक ऑफ़ इंस्ट्रक्शन का हिंदी में अनुवाद किया जो एक कठिन कार्य था| संपर्क : 9971006425

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