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वीर जवानों से ऐसा बर्ताव करना लोकतंत्र के लिए खतरनाक सिद्ध हो सकता है… - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
सुरेश चिपलूनकर अपनी जान पर खेलकर देश के दुश्मनों से रक्षा करने वाले सैनिकों के प्रति सरकार और नौकरशाही का संवेदनहीन रवैया जब-तब सामने आता रहता है… 1) संसद पर हमले को नाकाम करने वाले जवानों की विधवाओं को चार-पाँच साल तक चक्कर खिलाने और दर्जनों कागज़ात/सबूत मंगवाने के बाद…