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टूटती परम्पराए बदलता समाज--------------------- - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
प्रदीप रावत किसी भी समाज का अतीत उसकी आने वाली पीढ़ी के लिए प्रेरणादायी रहता है। मुझे आज भी याद है बचपन में गाँव के बूढे लोग एक जगह पर इकठ्ठा होकर चर्चाएं करते थे और मनोरंजन के लिए गाँव में रामलीला . पांडव नृत्य व अन्य धर्मिक आयोजन किये…