मोक्ष के लिये बुरारी मौत-कांड

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मोक्ष के लिये मौत को गले लगाया सभी तुमने
एक नहीं पूरे परिवार को मौत में सुलाया तुमने

पढ़-लिख कर भी,ना समझ बन गये थे क्यों तुम ?
अंध विश्वासी,रुढ़िवादी अधर्मी बन गये थे तब तुम

क्यों उकसाया परिवार को तुमने आत्महत्या के लिये ?
क्या मजबूरी थी,उनको मजबूर किया मरने के लिये ?

मोक्ष नहीं मिलता कभी आत्महत्या करने वालो के लिये
भगवान् भी न माफ़ करेगे इस घिनोने कृत्य के लिये

अगर पढ़े हिन्दू शास्त्रों को,ऐसा कुछ इनमे लिखा नहीं
ऐसा कोई करता है,उनको हिन्दू शास्त्रों की समझ नहीं 

क्या भूल गये हो बुद्ध और महावीर की तपस्या को तुम ?
अगर चलते उनके दिखाये मार्ग पर ऐसा करते नही तुम

मोक्ष मिलता है मनुष्य को जब मुक्त हो जन्मो के बंधन से
तुमने तो घोर पाप किया है रो रहे है सब मौत के क्रंदन से

आर के रस्तोगी  

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आर के रस्तोगी
जन्म हिंडन नदी के किनारे बसे ग्राम सुराना जो कि गाज़ियाबाद जिले में है एक वैश्य परिवार में हुआ | इनकी शुरू की शिक्षा तीसरी कक्षा तक गोंव में हुई | बाद में डैकेती पड़ने के कारण इनका सारा परिवार मेरठ में आ गया वही पर इनकी शिक्षा पूरी हुई |प्रारम्भ से ही श्री रस्तोगी जी पढने लिखने में काफी होशियार ओर होनहार छात्र रहे और काव्य रचना करते रहे |आप डबल पोस्ट ग्रेजुएट (अर्थशास्त्र व कामर्स) में है तथा सी ए आई आई बी भी है जो बैंकिंग क्षेत्र में सबसे उच्चतम डिग्री है | हिंदी में विशेष रूचि रखते है ओर पिछले तीस वर्षो से लिख रहे है | ये व्यंगात्मक शैली में देश की परीस्थितियो पर कभी भी लिखने से नहीं चूकते | ये लन्दन भी रहे और वहाँ पर भी बैंको से सम्बंधित लेख लिखते रहे थे| आप भारतीय स्टेट बैंक से मुख्य प्रबन्धक पद से रिटायर हुए है | बैंक में भी हाउस मैगजीन के सम्पादक रहे और बैंक की बुक ऑफ़ इंस्ट्रक्शन का हिंदी में अनुवाद किया जो एक कठिन कार्य था| संपर्क : 9971006425

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