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आ गये परदेश में ।। - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
इक नई दुनिया बसाने आ गए परदेश मेंअपना घर परिवार सब कुछ था हमारे देश मेंबस चंद सिक्के थे नहीं मां की दवाई के लिएअब वही दौलत कमाने आ गये परदेश में ।। साथ में रहकर खड़े सुख दुख सभी का बांटनाखेतों की मेड़े काटना और दूसरों को डांटनालड़ते झगड़ते…