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चलो दिलदार चलो, चाँद के पार चलो'... - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
अनिल अनूप जी हाँ, अज़ीम फनकारों के साथ ये अक्सर ही हुआ कि वो जहाँ जिस हाल में जन्मे और पले-बढ़े, दिल से बस यही सदा निकली I आज हम जिस संवाद अदायगी और जिन संवादों के लिए तरसते हैं, उसकी शुरुआत कमाल साहेब ने की थी। उसे संवारा था…